मंगल मुरति राम दुलारे
published on 17 September
leave a reply
मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान ,
हे महावीर करो कल्याण |
तीनो लोक तेरा उजियारा ,
दुखिओं का तूने काज सावरा |
हे जगवंदन, केसरी नंदन ,
कष्ट हरो हे कृपा निधान ||1||
तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया |
दुर्गम काज बनावन हारे,
मंगलमय दीजो वरदान ||2||
तेरा सुमिरन हनुमत वीरा,
नासे रोग हरे सब पीरा |
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजे ध्यान ||3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
0 Comments: