मंगल मुरति राम दुलारे

मंगल मुरति राम दुलारे



मंगल मुरति राम दुलारे,
आन पड़ा अब तेरे द्वारे
हे बजरंगबली हनुमान , 
हे महावीर करो कल्याण |

तीनो लोक तेरा उजियारा , 
दुखिओं का तूने काज सावरा |
हे जगवंदन, केसरी नंदन , 
कष्ट हरो हे कृपा निधान ||1||

तेरे द्वारे जो भी आया,
खाली नहीं कोई लौटाया |
दुर्गम काज बनावन हारे, 
मंगलमय दीजो वरदान ||2||

तेरा सुमिरन हनुमत वीरा, 
नासे रोग हरे सब पीरा |
राम लखन सीता मन बसिया,
शरण पड़े का कीजे ध्यान ||3||

''जय श्री राधे कृष्णा ''



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