जय जय श्री गोपाल कृष्णम
published on 18 September
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जय जय श्री गोपाल कृष्णम ,
भज मन श्री राधे गोविन्दम।
काया की छाया में , जग तो है माया ,
सोचा है क्या तूने क्यूँ आग में आया।
भज ले श्री राधे श्री कृष्णम।|1||
कलियुग में कृष्ण ही तारण हार ,
सरे जगत के पालन हार।
गोविन्द- गोविन्द शरणम ||2||
मधुर वचन है श्री राधा की बोली ,
भरले श्री कृष्णा के नाम से झोली।
राधा रमण रूप मधुरम ||3||
सुख तो है मृग तृष्णा ,फिर क्यूँ तू भटके ,
जग के झमेले में फिर क्यूँ आ अटके ।
कृष्ण के नाम आनंदम ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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