
नैन तेरे रतनारे क्या हुस्न पाया है ।
एक बार जो देखे उसे आशिक बनाया है ।
वृन्दावन में हर जगह तेरा ही नूर समाया है ,
हर पत्ते पे चेहरा तेरा गली गली तेरा साया है ||1||
वादा किया था श्याम आने का क्यों भुलाया है ,
हम तेरे काबील नहीं पर दिल तो तुझसे लगाया है ||2||
तू मिल जाये और ज़माने की दरकार नहीं है ,
या तो अपना बना लो या कहो सुदामा से प्यार नहीं है ||3||
तेरे इश्क में इस तरह डुबा मिलता नहीं किनारा है ,
पतवार बन के आजा मोहन तेरा सहारा है ||4||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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