
आत्मा से सदा रहता परमात्मा ,
कोई जाने न जाने तो मै क्या करूँ |
जर्रे -जर्रे में साकार है वो प्रभु ,
कोई माने न माने तो मै क्या करूँ |
एक अहंकार का बीच पर्दा पड़ा ,
मोह का अँधेरा है चारों तरफ |
बिन गुरु के कभी ज्ञान होता नहीं ,
कोई जाने न जाने तो मै क्या करूँ ||1||
हर गुल हर लताओं में है उसकी झलक ,
है उसी के सहारे ये पृथ्वी फलक |
जड़ व् चेतन में है उसकी कारीगरी ,
कोई जाने न जाने तो मै क्या करूँ ||२||
ज्ञान का तत्व मिलता है सत्संग से ,
सच्चा सुख प्राप्त होता है गुरुदेव से |
सतगुरु की महिमा है सबसे बड़ी ,
कोई जाने न जाने तो मै क्या करूँ ||३||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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