इतनी कर दे दया श्री राधारमण, तेरे चरणों में जीवन बिताऊं |मैं

इतनी कर दे दया श्री राधारमण, तेरे चरणों में जीवन बिताऊं |मैं




इतनी कर दे दया श्री राधारमण, 
तेरे चरणों में जीवन बिताऊं |
मैं रहु इस जगत में कही भी, 
तेरे श्री चरणों को न भूल पाऊं |

प्रेम बंधन में यूं मुझको बांधो, 
डोर बंधन की टूटे कभी न
अपनी पायल का घुँघरू बना लो, 
दास चरणों से छुटे कभी ना...
अपने चरणों से ऐसे लगा लो, 
तेरे चरणों का गुणगान गाऊं ||1||


अपनी नजरों से कभी न गिराना, 
नेक राहों पे मुझको चलाना |
दीनबंधु दया का खजाना, 
बेबसों पे हमेशा लुटाना |
मैं तो जैसा भी हूँ बस तुम्हारा,
आके दर पे खड़ा सिर झुकाऊं ||2||


''जय श्री राधे कृष्णा ''


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