
गुरु के समान नहीं दूसरा जहान में |
यही वेद श्रुति कहते गुरु बिना ज्ञान नहीं ,
ज्ञान बिना भक्ति कैसे आए तेरे ध्यान में ||१||
शिव रूप जानो गुरु विष्णु के रूप है ,
साक्षात ब्रह्म जानो लिखा है वेद पुराण में ||२||
सतगुरु की सेवा कीजे छल कपट सब छोड़ दीजे ,
ज्ञान गुरु की शरण ले के मस्त रहो निज ध्यान में ||३||
काम से छुड़ाय गुरु क्रोध से बचाय गुरु ,
मोह से छुड़ाय गुरु खेलो जी निर्वाण में ||४||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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