
श्याम तेरा गुण गायेंगे
तुम मन में बस गए ,
श्यामसुंदर तुम्हें कैसे बिसरायेंगे ।
चाहे जग रोके प्रभु सारा,
चाहे जग टोके प्रभु सारा ।
न ही झूठे जग की आश,
आश हम तेरी लगायेंगे ॥1||
न ही कुछ ज्ञान न ही कुछ भक्ति,
न ही प्रभु मुझ में कोई शक्ति ।
गुरु चरणों का आधार,
पार हम बिरजा जायेंगे ॥2||
.
बांध तेरे चरणों में डोरी,
प्रेम का नाता प्रभुजी से जोड़ी ।
तेरी कृपा से हे घनश्याम,
श्याम हम तुझको पायेंगे ॥3||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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