बहेन सुभद्रा राखी बांधत,

बहेन सुभद्रा राखी बांधत,



बहेन सुभद्रा राखी बांधत,
 बल और श्री गोपाल कें |

कनक थार अक्षत भर कुमकुम,
 तिलक करत नंदलाल कें ||१||

आरती करत देत न्योछावर,
 वारत मुक्तामाल कें ||२||

आसकरण प्रभु मोहन नागर,
 प्रेम पुंज ब्रजबाल कें ||३||

''जय श्री राधे कृष्णा ''
    
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