
धुन - साथ अजूबे इस दुनियाँ में
आज सबेरे उठते ही बस
याद तुम्हारी आई,
आज मिलेंगे श्याम के दर्शन
सोच के खुशियाँ छाई |
मेरे मन में खुशियाँ ,मुझको नचा उठी
कीर्तन में आने की , ललक बढ़ा उठी
मन में जल तरंग सी बाजी , तुमसे मिलने की धुन लागी
मेरे मन में , साँवरिया ने , गहरी प्रीत लगाईं || १ ||
जिस दिन भी ये ज्योत तुम्हारी जगती है
मेरी खुशियाँ हर पल बढती रहती है
जब तक दर्शन ना मिल जाता , तब तक चैन नहीं मिल पाता
इस ज्योति के दर्शन की है , बहुत बड़ी सक्लाई || २ ||
कीर्तन में आने की लगन बड़ी भारी
आते ही दिख जाते हैं लख दातारि
इसकी सूरत जदुगारी , मैं तो भुला दुनियाँ सारी
कहे " रवि " ये श्याम छवि है , मेरे मन को भाई || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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