क्या माँगू जी मैं क्या माँगू श्याम प्रभु तुमसे क्या माँगू |

क्या माँगू जी मैं क्या माँगू श्याम प्रभु तुमसे क्या माँगू |



धुन- फुल माँगू न बहार माँगू

क्या माँगू जी मैं क्या माँगू
श्याम प्रभु तुमसे क्या माँगू |

इतना दिया है तुमने मुझको , झोली नहीं समाय
जैसा जब भी मन में आवे , तूँ वैसा कर जाये
इक्छायें तो साँवरे , लहरें सिन्धु की
प्यासी रहती है सदा एक और बिंदु की
लाख माँगू या करोड़ माँगू- श्याम प्रभु तुमसे क्या माँगू  || १ ||

साँची दौलत देकर बाबा , जीवन मेरा सजादे
जिसमें भला हो मेरा मोहन , वैसा काम पटादे
भजनों की तो सँवारा , माला दे मुझे
अपने सच्चे प्रेमियों की , सेवा दे मुझे
घर माँगू या दर माँगू-श्याम प्रभु तुमसे क्या माँगू || २ ||

अज्ञानी मुरख हूँ मैं , तूँ ही पाठ पढा दे
मेरे सर पर प्यार से अपना , बाबा हाथ फिरा दे
पीड़ा मन में ना रहे , ऐसा दे वचन
बगियाँ " नन्दू " भक्तों की , करदे प्रभु चमन
फूल माँगू या बहार माँगू-श्याम प्रभु तुमसे क्या माँगू || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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