
निशदिन भज ले श्यामा श्याम ,
चल रे मन वृन्दावन धाम |
वृन्दावन में श्याम सलोना ,
दूध दही और माखन लौना ,
संग सखन के लूटत काहना ||१||
वृन्दावन में विपिन बिहारी ,
निरत करत है रास बिहारी
वंशी धारे छेड़त तान ||२||
श्री राधावर कृष्ण कन्हैया ,
बिहरत है बन लेके गैया ,
बंशी वटतर ले विश्राम ||३||
कहूं ठाडेवन विपिन बिहारी ,
कहु राधा बल्लभ बलिहारी ,
मंदिर उनके आलीशान ||४||
चन्द्र सखी को मन वृन्दावन ,
रहत सदा जहाँ राधारमण ,
लग्न लगी है आठों याम ||५||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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