
धुन- हर घडी हर पल
दिल दुख के भी दयालु तूँ कहलाता है
जीव का क्या इस ब्रहम से इतना ही नाता है |
मीठी मुस्कान तेरी दिल का करार
नैना गरीब के करे तेरा इंतज़ार
दिल तड़पता है मगर तूँ मुस्काता है || १ ||
मानता हूँ कर्म मैंने किया ही नही
भूल से भी नाम तेरा लिया ही नहीं
इतने पापी तारे हैं क्यूँ जी चुराता है || २ ||
मर्ज़ी है तेरी चाहे मान मत मान
दर का भिखारी तेरा इतना तो जान
सुनकर भी खामोश है तूँ कैसा दाता है || ३ ||
हम भक्तो की है इतनी पुकार
हँस के तो बोलो ज़रा मेरे दिलवर
बैचैनी से ये ' शिव ' तो गम खाये जाता है || ४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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