
धुन- ओ नन्हे से फ़रिश्ते
आजा रे श्याम आजा , खड़े लाज के लुटेरे , लुटने से तू बचा रे ,आजा आजा श्याम बाबा | एक लाज़ ही तो बाबा , गहना है बस हमारा गर वो ही लूट गया फिर , क्या काम है तुम्हारा अबला समझ के मुझको , अब चीर तूँ बढ़ा जा || १ || कहते हैं ग्रन्थ सारे , दिनों का है तूँ साथी मुझ दीन पे बता क्यूँ , तुझको दया ना आती कलयुग का हूँ सुदामा , अपने गले लगा जा || २ || अच्छे करम ना मेरे , तकलीफ पा रहा हूँ अब हार कर दयालु , तुझको बुला रहा हूँ गणिका के जैसे किरपा , इस " हर्ष " पे दिखा जा || ३ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''
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