
आज से पहले , आज से ज्यादा , हँसी आज तक नहीं लगे
published on 21 September
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धुन- आज से पहले आज से ज्यदा
आज से पहले , आज से ज्यादा , हँसी आज तक नहीं लगे मोहन प्यारे , इतने सुन्दर , कभी आज तक नहीं लगे || टेर ||
मस्तक पे सोहे तेरे , पेचां गज़ब का , जिसमें किलंगी लगी है आँखों का काजल काला , माथे पे टिका , हाथों में मुरली सजी है कान में कुण्डल , इतने प्यारे , कभी आज तक नहीं लगे || १ ||
केशरिया लाल गुलाबी , फूलों के गजरे , गल में बैजयंती पड़ी है हाथों में बाजुबंध , होठों की लाली , लागे ये दिलकश बड़ी है इतने सौणों , बंसी वाले , कभी आज तक नहीं लगे || २ ||
जबसे देखि ये तेरी , मतवारी मूरत , दिल बेकाबू हुआ है " हर्ष " हमारे दिल पे , ओ जदुगारे , कैसा ये जादू चला है इतने सुहाने , इन आँखों को , कभी आज तक नहीं लगे || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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