सूंणड सूंदाला दुंद दूंदाला मस्तक मोटा कान

सूंणड सूंदाला दुंद दूंदाला मस्तक मोटा कान



धुन- देख तेरे संसार की हालत 

सूंणड सूंदाला दुंद दूंदाला मस्तक मोटा कान 
गणपति देव बड़ा बलवान , गणपति देव बड़ा बलवान |

जो गणपति को प्रथम मनाता , उसका सारा दुःख मिट जाता ,
रिद्धि- सिद्धि सुख संपत्ति के  दाता , भव से बेड़ा पार लगाता ,
मेरी नैया पार करो प्रभु , धरूँ तुम्हारा ध्यान || १ ||

पार्वती के पुत्र हो प्यारे , सारे जग के तुम रखवारे ,
भोलेनाथ हैं पिता तुम्हारे , सूर्य चन्द्रमा मस्तक धारे  ,
मेरा सारा दुःख मिट जाये , दो ऐसा वरदान || २ ||

रिद्धि-सिद्धि तेरे संग में सोहे ,  मूष की सवारी मन को मोहे , 
तेरी दया जिस पर हो जावे  , उसका दुःख सुख में मिल जावे ,
माला जपूँ मैं तेरी गणपति , करूँ तेरा ध्यान || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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