
सूंणड सूंदाला दुंद दूंदाला मस्तक मोटा कान
published on 21 September
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धुन- देख तेरे संसार की हालत
सूंणड सूंदाला दुंद दूंदाला मस्तक मोटा कान
गणपति देव बड़ा बलवान , गणपति देव बड़ा बलवान |
जो गणपति को प्रथम मनाता , उसका सारा दुःख मिट जाता ,
रिद्धि- सिद्धि सुख संपत्ति के दाता , भव से बेड़ा पार लगाता ,
मेरी नैया पार करो प्रभु , धरूँ तुम्हारा ध्यान || १ ||
पार्वती के पुत्र हो प्यारे , सारे जग के तुम रखवारे ,
भोलेनाथ हैं पिता तुम्हारे , सूर्य चन्द्रमा मस्तक धारे ,
मेरा सारा दुःख मिट जाये , दो ऐसा वरदान || २ ||
रिद्धि-सिद्धि तेरे संग में सोहे , मूष की सवारी मन को मोहे ,
तेरी दया जिस पर हो जावे , उसका दुःख सुख में मिल जावे ,
माला जपूँ मैं तेरी गणपति , करूँ तेरा ध्यान || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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