
तेरा वंदन सदा करूँ , अभिनन्दन सदा करूँ ओ कान्हां रे
published on 21 September
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धुन-कभी दामन छुड़ा लिया
तेरा वंदन सदा करूँ , अभिनन्दन सदा करूँ ओ कान्हां रे
जग को भुला दिया है चरण में सब कुछ लुटा दिया
तेरा वंदन ,अभिनन्दन ,ओ छलिया रे
मैंने सदा किया है की नेहा तुझसे लगा लिया |
सदा तुझको ही चाहा , सदा तुझको ही ध्याया
छोड़ अब मोह माया को ,
जिया में तुझको बसा लिया || १ ||
तेरी महिमा मैं गाऊं , तेरा ही ध्यान लगाऊं
तेरी चाहत में पड़ करके ,
कन्हैया खुद को मिटा दिया || २ ||
कहीं तू रूठ न जाना , कभी न मुझको भुलाना
" हर्ष " ने तेरे खातिर ,
जाहाँ से नाता छुड़ा लिया .|| ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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