श्याम सुन्दर महर की नज़र

श्याम सुन्दर महर की नज़र




धुन-ज़िन्दगी की न टूटे लड़ी

श्याम सुन्दर महर की नज़र , दीन दुखियों पे थोड़ी से कर ,
तुम सुनो ना सुनो दास्ता , होके दर का भिखारी तेरा ,
खाऊं क्यूँ ठोकरें दर बदर |

हो  ख़ुशी चाहे हो कोई गम , तेरी राहों में हो हर कदम ,
सौंप तुझको दिया कारवाँ , दिल हुआ मोम से भी नरम ,
तूँ संभाले तो - तूँ संभाले फिर क्या फिकर || १ ||

लड़खड़ा भी जो जाऊं कहीं , तुम संभालोगे विश्वास है ,
ये सहारा बहुत है प्रभु , तेरी यादें मेरे पास है ,
गैर से अब ना - गैर से अब ना कोई जिकर || २ ||

मेरी मजबूरियाँ जो भी है , क्या छुपी है वी दिलदार से ,
" श्याम  " कहूँगा तुम्हें , प्यार से चाहे तकरार से ,
साथ में हो तेरे - साथ में हो तेरे ' शिव ' सफ़र || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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