धुन-अफ़साना लिख रही हूँसाँवरिये तेरा मुझको , दीदार हो जाये

धुन-अफ़साना लिख रही हूँसाँवरिये तेरा मुझको , दीदार हो जाये



धुन-अफ़साना लिख रही हूँ

साँवरिये तेरा मुझको , दीदार हो जाये ,
उझड़ा चमन फिर से मेरा गुलज़ार हो जाये |

कैसे चलेगी मोहन , तूफ़ान में नैया ,
हो जाये एक इशारा-2 , भव पार हो जाये || १ ||

ख्वाहिश मेरे जीवन की , ज्यादा  बड़ी नहीं ,
बस तेरी किरपा मुझ पर-2 , इक बार हो जाये || २ ||

खली नहीं जाऊँगा जिद पे अड़ा हूँ श्याम,
देखूँ दयालु कैसे-2 , इनकार हो जाये || ३ ||

करदे मुरादें पूरी , बस इतना सोच कर,
" बनवारी " मुझे भी तेरा , ऐतबार हो जाये || ४ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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