
धुन- मांगने की आदत जाती नहीं
जब जब चाहा , मैंने जितना
तब तब पाया , तुमसे उतना
प्रेमियों का दिल तू दुखाता नहीं
तेरे जैसा और कोई दाता नहीं |
तुमसे चलती मेरी नैया , तेरा दिया मैं खाता हूँ ,
औरों की क्या बतलाऊं मैं , खुद की बात बताता हूँ,
प्रेमियों को भूखा तू, सुलाता नहीं || १ ||
दिल मेरे टीस उठे तो , मनवा मेरा रोता है,
मुझको जो काँटा लग जाए , दर्द तुम्हारे होता है,
प्रेमियों को श्याम तू , रुलाता नहीं || २ ||
जब तू मेरे साथ है बाबा , दुनियाँ से फिर डरना क्या,
" हर्ष " कहे सब तू करता है , और मुझे अब करना क्या,
माँगने कहीं पे भी , मैं जाता नहीं || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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