श्रींगार कन्हैया का , बड़ा प्यारा लगता है

श्रींगार कन्हैया का , बड़ा प्यारा लगता है



धुन-क्या खूब लगती हो

श्रींगार कन्हैया का , बड़ा प्यारा लगता है सझ धज के , औरों से , न्यारा लगता है तीन लोक में सुन्दर श्याम , हमारा लगता है |

अधरों पे सजे है मुरली , हाँ मुरली , हम भक्तों की नींदे इसने हर ली, नैनों से करे है घायल , हाँ घायल ये रूप निरख हो गये तेरे कायल || १ ||

क्यूँ होंठ रचाई लाली , हाँ लाली, दीवानों के मन को मोहने वाली , हाँ वाली, हौले से तेरा मुस्काना , हाँ मुस्काना , हम भक्तों को कर देता दीवाना || २ ||

घुँघराले बाल हैं लटके , हाँ लटके, श्रींगार तेरा आज लगे है हटके, मन मोहक अदा निराली , हाँ निराली, कहे " हर्ष " हमें वश में करने वाली || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''


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