मेरा बाबा खाटू वाला , प्रेम लुटाता है

मेरा बाबा खाटू वाला , प्रेम लुटाता है



धुन-स्वरचित
मेरा बाबा खाटू वाला , प्रेम लुटाता है जो साचे मन से ध्यावे , वो सब कुछ पाता है | गर दिल में विस्वास नहीं तो , मूरत केवल मूरत है, गर दिल में विस्वास भरा तो , मूरत में मूरत है, जो प्रेम भाव से निरखे , वो दर्शन पाता है || १ || खाटू वाला सेठ सँवारा , सबकी न्याय चुकाता है, छोटा मोटा देव नहीं ये , जग का भाग्य विधाता है, कर शीशदान वर पाकर , ये श्याम कहाता है || २ || " नन्दू " ,अब दीवाना होकर , श्याम प्रभु का गुण गा ले , मत कर देर श्याम का बनकर , संवारिये को तूँ पाले, सांवरिया ही भक्तों का , हर काम पटाता है || ३ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''

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