
धुन- दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम
कोई ना करे श्याम ने जो काम किया है डूबते हुवे का हाथ थाम लिया है | मझधार में जब छोड़के , अपने चले गये, किश्ती किनारे पे लगा अहसान किया है || १ || सपनों की डाली साख से , टूटी बिखर गई, सूखे चमन को सींच गुलिस्तान किया है || २ || वो दुश्मनों से जा मिले , कल तक जो दोस्त थे, हस्ती को उनकी श्याम ने गुमनाम किया है || ३ || सुख चैन मेरा छीन के , सब " हर्ष " चल दिये, हारे हुवे को जीत का इनाम दिया है || ४ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''
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