ओह  संवारे , जग  के  सहारे  छूट  जाये , रूठ  जाये ,

ओह संवारे , जग के सहारे छूट जाये , रूठ जाये ,






ओह  संवारे ,
जग  के  सहारे  छूट  जाये , रूठ  जाये , 
लोग  हमसे , क्या  हुआ ,
मेरा  सहारा  है  तू , साथी  हमारा है  तू |


दुनिया  है   एक  छलावा , पग  पग  यहाँ  पे  दिखावा ,
कैसी  चिंता  अब  मुझ  को  सर  पे  तेरा  साया  है,
बंधन ये सारे टूट जाये,छूट  जाये  साथ  सबका , 
क्या  हुआ ,साथी  हमारा  है  तू||१||


तुमने  दिया  है  सब  मुझको , मैंने   दिया  है  क्या  तुझको 
ऐसा  क़र्ज़  चढ़ा  मुझपे ,  कैसे  चुकाऊंगा  इसको ,
बीच  भंवर  में ,  नाव  मेरी , है  तेरे  ही  सहारे , 
संवारे  ,खेवनहारा  है  तू  ||२||


जब  से  कन्हैया  तू  मिला   है , जग  से  कोई  भी  न  गिला  है 
तेरे  मेरे  प्यार  का  बस , चलता  रहे  यह  सिलसिला 
प्राणो  से  प्यारा , सारे जग  से  तू  है  न्यारा ,
“श्याम ” कहता  है  येही  मेरा  गुज़ारा  है  तू  ||३||


''जय श्री राधे कृष्णा ''




Previous Post
Next Post

post written by:

0 Comments: