तर्ज़-झिलमिल झिलमिल चूनड़ी मँ

तर्ज़-झिलमिल झिलमिल चूनड़ी मँ


तर्ज़-झिलमिल झिलमिल चूनड़ी मँ किस दुविधा में पड़ा बावरे, कांहे भ्रम पाले, श्याम नाम की धुन में खोजा, श्याम भजन गाले | भीम पुत्र और पौत्र की बातें,क्यूँ करता प्यारे, श्याम नाम की भक्ति करले,हों वारे न्यारे, श्याम नाम की साँची ज्योति,नयन में बसाले ||1||

तर्क वितर्क की बातें तुझको, पथ भटका देगी, एक नाम की लगन में खो जा,सुख बरसा देगी, सच्चे मन से श्याम रिझाले, श्याम को तू पा ले ||2||

कहे "रवि" ऐ श्याम भगत कोई, संशय मत धरना , कृष्ण कला धारी अवतारी, का सुमिरन करना, विजय सत्य की होती आई, झूठ नहीं चाले ||3||
रविन्द्र केजरीवाल"रवि"



''जय श्री राधे कृष्णा ''


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