किसने सजा दिया तुझे , इतना सिंगार करके

किसने सजा दिया तुझे , इतना सिंगार करके





धुन- आये हो मेरी ज़िन्दगी में


किसने सजा दिया तुझे , इतना सिंगार करके, मैं लुट गया कन्हैया , दीदार ए-यार करके |

हर फुल की कली है , रंगत भी मन चली है, गजरे की मस्त खुशबु , लगती बड़ी भली है, पहना दिया है सारे , गुलशन को हार करके || १ ||

क्या मुकुट की लटक है , मन मोहिनी मटक है, मुस्कान तेरी जालिम दिल में , गई अटक है, नज़रों का तीर निकले , जिगर को पार करके || २ ||

तुझ पर निगाहें अटकी , हटती नहीं हमारी, मदहोश कर दिया है , सुध खो गई " बिहारी " रखना कदम कदम पे , मुझको संभाल करके || ३ ||



''जय श्री राधे कृष्णा ''


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