आलूसिंह जी ने सजाया, श्याम को नित चाव से

आलूसिंह जी ने सजाया, श्याम को नित चाव से




तर्ज़-सांवली सूरत पे मोहन,दिल....

आलूसिंह जी ने सजाया, श्याम को नित चाव से, श्याम की सेवा में गाये, कुछ भजन नित भाव से,| साँवरे की धुन में खोये, हर घड़ी रहते मगन, सुख उन्हें मिलता, प्रभु के, श्री चरण की छाँव में ||1|| श्याम की भक्ति में डूबे, उनसे बातें करते थे, श्याम के साँचे भगत हैं, चर्चा थी ये गाँव में ||2|| श्याम बगीची में वो रहते, गजरे गूँधते खुद वंहा, अपने हाथों साँवरे को,पहनाते थे चाव से |\3|| श्याम का डंका बजाया, हर शहर हर गाँव में, कहे "रवि" घर घर वो घूमें, लेके इनका नाँव रे ||4||

रविन्द्र केजरीवाल"रवि"

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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