
धुन- मैंने पायल जो खनकाई
तूने मुरली जो बजाई , राधा दौड़ी दौड़ी आई उसकी साँसों में तूँ है बसा , कन्हैया , मुरली में जादू भरा |
कभी पनघट पे बाजे , कभी यमुना पे बाजे, कभी मधुवन में बाजे , बाँसुरिया, तूने ऐसी तान सुनाई , राधा रानी सुध बिसराई || १ ||
बजी तेरी बाँसुरिया , छनन छन बाजे पायलिया , राधा हो गई बावरिया , साँवरिया, देखो नाचे कृष्ण कन्हाई , राधा मन ही मन मुस्काई || २ ||
कभी गोकुल में बाजी , कभी वृन्दावन में बाजी कभी बरसाने बाजी बाँसुरिया मुरली जहाँ जहाँ भी बाजी सखियाँ पीछे पीछे भागी || ३ ||
तेरी मुरली की दीवानी , हो गई राधा रानी, " श्याम " कहे अपनी जुबानी कन्हैया, जब जब तेरी मुरली बाजे राधा झूम झूम के नाचे || ४ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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