
धुन- कौन दिशा में ले के चला रे
हारे का सहारा , बाबा श्याम है हमारा, चल चल मेरे मन , देगा तुझको शरण, मेरा श्याम प्रभु - श्याम प्रभु |
खाटू नगर में श्याम विराजे , कलियुग का अवतार हो,
बिन माँगे ये देता है सब कुछ , बहुत बड़ा दातार हो, अमर कहानी , शीश का दानी , सच्चा है दरबार हो, जैम कर बाँटे , ये तो किसको न नाटे || १ ||
श्याम शरण में जो भी है आता , उसकी सुने फ़रियाद हो, अपने प्रेमी को ये दयालु , रखता हरदम याद हो, दर दर भटके , क्यूँ सर पटके , क्यूँ होता बर्बाद हो, आश पुराये , तेरे दुखड़े मिटाये || २ ||
श्याम कृपा से बढ़ करके जग में , दूजी न सौगात हो, हाथ दया का सर पे हो जिसके , उसकी की तो क्या बात हो, खाटू वाला देव निराला , जन जन में विख्यात हो, " बिन्नू " रिझाले , इसे अपना बनाले || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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