
धुन- मुझे तेरी मोहब्बत का,सहारा मिल गया होता तेरा दीदार पाने को,मेरी नज़रें तरसती है न मिलते तुम,तो जी भर कर,मेरी नज़रें बरसती है |
न जाने तुम, कँहा पर हो, कँहा बैठे, हो छुपकर के, "जुदाई ना सही जाती"-2 चुभाती तीर, नश्तर के, तेरी बस इक, झलक को ही, मेरी नज़रें, तड़पती है || १ || तेरी चौखट,पे आने का, बहाना ढूँढती है ये, "मेरा बाबा कँहा पर है"-2 सभी से पू-छती है ये, तेरी सूरत, पे लुटने को, मेरी नज़रें मचलती है || २ || तुम्हे जब दे-खती है ये, तो सब कुछ भूल जाती है, "तेरी सूरत के जादू में"-2 ये सुध बुध भूल, जाती है, "रवि" कहता, दरश पाकर, मेरी नज़रें, बहलती है || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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