
धुन- हमसफ़र मेरे हमसफ़र कठघरे में मैं खड़ा हूँ, जज तुम्ही हो साँवरे, फैसला जो तुम करोगे, मान लूँगा साँवारे | जाने अनजाने साँवरिया, करता कितना पाप मैं, पर ज़रा सी सुध जो आती, डर से जाता काँप मैं, तेरे ही रहमो करम पर, अब जीवूंगा साँवरे || १ || जाने मैंने किस जनम में, कौन सी गलती करी, किन गुनाहों से प्रभु जी, मैंने झोली थी भरी कब तलक तेरी महर ना, पा सकूँगा साँवरे || २ || मेरे दिल की कामनायें, मुझको उकसाती प्रभु , लाख सम्भलू पर खतायें, होती ही जाती प्रभु, अब "रवि" को लो शरण में, ये कहूँगा साँवरे, || ३ ||
रविन्द्र केजरीवाल"रवि"
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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