पतवार को सम्भालो

पतवार को सम्भालो




धुन- तेरी याद आ रही है
पतवार को सम्भालो बीच भंवर से मेरी नैया श्याम तुम निकालो | भवसागर के मांझी किस बात की है नाराजी, सारे दांव लगा कर मैं हार गया हूँ बाज़ी , हारे हुए के साथी बन कर अपना वचन निभालो || १ || श्याम तेरी सकलाई की दुनियाँ करे बड़ाई , मेरी लाज बचाले भक्तों की तुम्हें दुहाई , आशा लेकर दर तेरे आया दास को न टालो || २ || पल पल बिता जाये ये मन मेरा घबराये तुमको दया न आई ये बात समझ ना आई नज़र दया की ओ मेरे दाता अब मुझ पर भी डालो || ३ || जब से तुमको देखा मुझे और कोई न भाया श्याम तुम्हें ये " बिन्नू " क्यों लगने लगा पराया भूल चूक सब क्षमा करो अब हँस कर गले लगालो || ४ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''

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