
धुन- मोहब्बत की झूठी
कल्हाई पकडले पकड़ता ना कोई-पकड़ता ना कोई तेरे दर पे आके मेरी आँख रोई-मेरी आँख रोई |
जिनको भी दिल के दुखड़े सुनाये, वही मेरे अपने हुए सब पराये, तेरी आस की मैंने माला पिरोई-माला पिरोई || १ ||
बड़ी है मुसीबत , बताया ना जाये, अरे बोझ दुःख का उठाया ना जाये , गमे आँसू से , तेरी चौखट भिगोई -भिगोई || २ ||
अगर है दयालु , दया अब दिखादे, तेरे " हर्ष " की रोती आँख हँसादे, तेरे सिवा दुनियाँ में दूजा न कोई - न कोई || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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