अर्ज़ी सुनले लखदातार , तेरा गुण गाये संसार

अर्ज़ी सुनले लखदातार , तेरा गुण गाये संसार




अर्ज़ी सुनले लखदातार , तेरा गुण गाये संसार
मेरी नैया-किनारे-लगादे सरकार |

कहते दयालु तुमको , दानी मतवाला, खुलता है दर पे तेरे , किस्मत का ताला , रौनक रहती तेरी द्वार , होती पतझड़ में बहार || १ ||

हो जाये गर जो मुझपे , दया जो तुम्हारी, बन जाये बिगड़ी मेरी , साँवरे मुरारी, होगी तेरी जय-जयकार , आओ लेकर के पतवार || २ ||

दिनों के दयाल तुमसा , कहाँ और पायें , दिल के फफोले श्याम , किसको दिखायें , विनती करता बारम्बार , सुनले " सांवर " की पुकार. || ३ ||.


''जय श्री राधे कृष्णा ''


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