
धुन- जीना यहाँ मारना यहाँ आता रहूँ , गाता रहूँ , श्याम तुझे मैं रिझाता रहूँ मेरे इस दिल की तमन्ना है ये , देखूँ तुझे , मुस्कुराता रहूँ | दाता तेरे , दरबार में , हर पल ही खुशियों की भरमार है, मन को मेरे , भाता है तूँ , मुझको सदा तेरी दरकार है, सुनता है तूँ , मन की मेरी , तुझको मैं आके सुनाता रहूँ || १ || तेरे बिना , मैं कुछ भी नहीं , पहचान मेरी है तुझसे प्रभु, तूने किये , हैँ उपकार जो , एहसान तेरे हैँ मुझपे प्रभु, मालिक मेरे , महाजन मेरे , चरणोँ में सर को झुकाता रहूँ || २ || पथ में तेरे , जो प्रेमी मिले , अपनों से बढ़कर वो अपने लगे, देखूँ जिधर , लगता है यूँ , सारे के सारे मेरे हैं सगे, " बिन्नू " को जो , तूँ दे रहा , वे भाव इनमें लुटाता रहूँ || ३ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''
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