कन्हैया छोड़ दे अब तो , तेरी आदत सताने की

कन्हैया छोड़ दे अब तो , तेरी आदत सताने की




धुन- मुझे तेरी मोहब्बत का कन्हैया छोड़ दे अब तो , तेरी आदत सताने की या फिर तरकीब बतलादे , तुम्हें दिल से भुलाने की | मिलाई तुमसे नज़रें क्या , हम अपना दिल गवाँ बैठे, जहान को छोड़ कर कान्हाँ , लगन तेरी लगा बैठे, तुम्हारे वास्ते हमने न की परवाह ज़माने की || १ || तड़फता हर घडी दिल है , तुम्हें ही याद कर करके, बतादे ये ज़िन्दगी कैसे , बितायें हम यूँ मर मर के, मिले फुर्सत तो सुध ले लो , कभी अपने दीवाने की || २ || तुम्हें एहसास ही ना है , हमारी जग हँसाई का, कभी मुझे पूछो , क्या होता गम जुदाई का, कहे " सोनू " की हद होती , कोई तो आजमाने की || ३ || ''जय श्री राधे कृष्णा ''


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