नज़रें तुम्हारी बाबा , किस ओर है बताओ
published on 26 September
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धुन- तुम्हें भूलना जो चाहा
नज़रें तुम्हारी बाबा , किस ओर है बताओ
दिल से तुम्हें पुकारूँ, फ़रियाद सुनते जाओ |
मैंने तो श्याम तुमको , सर्वस्व अपना माना
भक्ति में लीन होकर , चाहूँ तुझे रिझाना
मेरी ज़िन्दगी के मालिक , जीवन मेरा सजाओ || १ ||
तेरे बिना कन्हैया , कैसा वजूद मेरा
उलझन मेरी कन्हैया , सुलझाना काम तेरा
हँसदे ना ये ज़माना , यूँ देर ना लगाओ || २ ||
राधा के कन्त मोहन , लक्षमिपति कुहाते
प्रेमी तुम्हारे बोलो , फिर कष्ट क्यों उठाते
प्रभु शान दिलवारों की , " नन्दू " सदा बढ़ाओ || ३ ||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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