सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा
published on 26 September
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सारे जहाँ से अच्छा, हिन्दोस्ताँ हमारा,
हम बुलबुलें हैं इसकी, यह गुलसिताँ हमारा।
ग़ुरबत में हों अगर हम, रहता है दिल वतन में,
समझो वहीं हमें भी, दिल हो जहाँ हमारा ||१||
परबत वो सबसे ऊँचा, हम साया आसमाँ का,
वो संतरी हमारा, वो पासबाँ हमारा ||२||
गोदी में खेलती हैं, उसकी हज़ारों नदियाँ,
गुलशन है जिनके दम से, रश्क-ए-जिनाँ हमारा ||३||
ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको।
उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा ||४||
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मज़हब नहीं सिखाता, आपस में बैर रखना,
हिन्दी हैं हम वतन हैं, हिन्दोस्ताँ हमारा ||५||
यूनान-ओ-मिस्र-ओ-रूमा, सब मिट गए जहाँ से,
अब तक मगर है बाक़ी, नाम-ओ-निशाँ हमारा ||६||
कुछ बात है कि हस्ती, मिटती नहीं हमारी ,
सदियों रहा है दुश्मन, दौर-ए-ज़माँ हमारा ||७||
'इक़बाल' कोई महरम, अपना नहीं जहाँ में ,
मालूम क्या किसी को, दर्द-ए-निहाँ हमारा ||८||
''जय श्री राधे कृष्णा ''
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