कई देवता इस दुनियाँ में , सबके रूप सुहाने हैं

कई देवता इस दुनियाँ में , सबके रूप सुहाने हैं



धुन- चाँद सितारे फूल

कई देवता इस दुनियाँ में , सबके रूप सुहाने हैं खाटू में जो सजकर बैठा , हम उसके दीवाने हैं |

थोडा सा गोरा है , थोड़ा सा काला है, मेरा खाटू वाला श्याम , जग से निराला है, गाँव गाँव और गली गली में , गूँज रहे तराने हैं || १ ||

सरकार अनोखी , दरबार अनोखा है, दिल से रिझाले तूँ , बड़ा अच्छा मौका है, खाटू जाने के खातिर , क्यों करता रोज बहाने है || २ ||

सारे कलयुग में श्याम , बस तेरी चर्चा है, देवों में देव बड़े , तेरा ऊँचा दरजा है, " श्याम " के होंठो पर साँवरिया , तेरे ही अफ़साने हैं || ३ ||

''जय श्री राधे कृष्णा ''

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