मेरौ माई माधो सों मन लाग्यो ।

मेरौ माई माधो सों मन लाग्यो ।




मेरौ माई माधो सों मन लाग्यो ।


मेरौ नैन अरु कमलनैनको
इकठोरो करि मान्यो  ||1||


लोक बेदकी कानि तजी मैं
न्यौति अपने आन्यो ||2||


इक गोबिन्द चरनके कारन
बैर सबनसों ठान्यो ||3||


अबको भिन्न होय मेरी सजनी
दूध मिल्यो जैसे पान्यो ||4||


परमानंद मिली गिरधर सों
है पहली पहचानयो ||5||


जय श्री राधे कृष्ण


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