
कैसी बंसी बजाई रे मनमोहना, मेरी सुध बिसराई रे मनमोहना |
published on 27 September
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कैसी बंसी बजाई रे मनमोहना,
मेरी सुध बिसराई रे मनमोहना |
मै तो जाऊ वारि वारि तेरी सूरत प्यारी प्यारी ,
मेरे मन में समाई रे मनमोहना ||
मै तो सोयी थी कान्हा अपनी अटरिया,
चौंक पड़ी सुनके मै तेरी बांसुरिया |
चांदनी रातो में तेरी मीठी बातो ने ,
मेरी निंदिया चुराई रे मनमोहन ||1||
तेरे लिए कान्हा मैंने दुनिया ये छोड़ी,
दुनिया से प्रीत तोड़ी तेरे संग जोड़ी |
तुझे देखू गलियों में तू छुपा है कलियों में ,
काहे मुझको भुलाए रे मनमोहना ||2||
मै तेरे नाम की दीवानी सांवरिया,
श्याम मुरारी मेरी लेलो खबरिया|
तेरी हू जोगन मै तू मेरे तन मन में ,
चेतन ज्योति जगाई रे मनमोहना ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
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