
तर्ज़- धरती धोराँ री जो थे श्याम भजन नहीं गावो,, तो थे कीर्तन मँ क्यूँ आवो, क्यूँ थे झूठो हेतव् दिखावो, बाबा श्याम सै"-3 | जो थे पूण्य कमावण आया, मोह माया नै क्यूँ थे ल्याया, झूठो ढोंग क्यूँ रचाया, "बाबा श्याम सै थे दिख-लावै मँ भरमाया, थे तो समय बितावण आया, थे तो धरम की राह भुलाया ||1|| थे नहीं प्रेम जताणों जाणों खाणा पूर्ति करणों जाणों "छल को खेल क्यूँ रचाणों, बाबा श्याम सै"-2 थारी प्रीत मँ प्यार नहीं है थारी भक्ति मँ भाव नहीं है थारै मिलण को चाव नहीं है ||2|| जो थे श्याम धणी नै ध्यावो साँचै मन सै ध्यान लगावो थारो मन चायो फल पावो, बाबा श्याम सै कह्वै दास "रवि" गुण गावो बाँ के चरणां शीश नवावो थे भी आशीर्वाद पावो ||3||
रविन्द्र केजरीवाल"रवि
जय श्री राधे कृष्ण
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