
होली खेलो बांके बिहारी, रंगीलो फागुन आयो है
फागुन आयो है, रंगीलो फागुन आयो है |
चाले हवा बसंती प्यारी,मुरली की है तान मन हारी
नाचे मगन हो बांके बिहारी,उड़ रह्यो लाल गुलाल,
सखन मिल रंग लगायो है ||1||
बरसाने से राधा आई,ले पिचकारी धूम मचाई
श्याम संग ले रास रचाई माचो हुड़दंग आज,
बृज में आनद छायो है ||2||
उड़त पुष्प चन्दन बहुरंगा, गुटत भंग चढ़े रंग सुरंगा
बोलत कोयल शुक और ब्रंगा माथे मोर मुकुट,
बांकी शवि रास बरसाओ है ||3||
जय श्री राधे कृष्ण
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