
धुन- जाने जिगर तुमपे
हर रोज श्याम तेरा , श्रृंगार किया है, प्यार किया है रे तुझे , प्यार किया है |
बन के फिरूँ मैं तेरा दीवाना, पागल समझने लगा है ज़माना, जब से श्याम तेरा दीदार किया है || १ ||
पाँव मेरे पड़ते नहीं है ज़मीं पर, और दिल लगता नहीं है कहीं पर , जब से तूने मुझे स्वीकार किया है || २ ||
अब ना मैं दुनियाँ की परवाह करूँगा, प्रेम किया " बनवारी " फिर क्यों डरूँगा , मैंने चोला शर्म का उतार दिया है || ३ ||
जय श्री राधे कृष्णा
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