
जिनके मन में बसे श्री राम जी,
उनकी रक्षा करें हनुमान जी ।
जब भक्तों पर विपदा आई, तब आये हनुमंत गोसाई । कृपा राम भक्तो पर करते, उनकी पीड़ा को हर लेते । जय कपीष बलवान की ||1||
राम कथा के अद्बुत नायक, रामदूत भक्तो के सहायक । जय जय जय प्रभु हितकारी, ध्यान करूँ नित मंगलकारी । दे दो दर्श हनुमान जी ||2||
भक्ति जहाँ श्री राम की होती, शक्ति वहां हनुमान की होती । विघन काल सब दूर मिटाते, मनोकामना पूरण कराते । जय बजरंग महान की ||3||
निशदिन करूँ तुम्हारी पूजा, तुम सम हनुमत कोई ना दूजा । बदन सिंधूरी जय कपीष जय, सन्मुख रहो जुकाऊं शीश मैं । जय जय कृपा निधान की ||4||
जय श्री राधे कृष्ण
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