
धुन- जो वादा किया वो
तुम्हें आज मोहन , आना पड़ेगा, बहुत हो गयी है , आँख मिचौली , अब तो आना पड़ेगा |
जरा कुछ तो सोचो ऐ बांके बिहारी, तेरी याद में हमने ज़िन्दगी गुज़ारी, छलावा नहीं है , हकीकत है कान्हाँ , क्या ये ज़माना कहेगा || १ ||
बड़ी पैनी नज़र तुम्हारी मुरारी , ओझल हुआ है कैसे दरश का भिखारी , खता कुछ तो है , जाने भी दो , थोडा गम खाना पड़ेगा || २ ||
मनाने में उतना माहिर नहीं हूँ, ज्यादा नहीं साँवरिया कुछ तो सही हूँ, तेरा ही था , तेरा ही रहूँगा , तुमको निभाना पड़ेगा || ३ ||
गुरु की किरपा से दीक्षा है पाई, चरण रज तुम्हारी ही मेरी दवाई, घाव है हरा , भरना है तुमको , क्या ये बताना पड़ेगा || ४ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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