
धुन- लगन तुमसे लगा बैठे
मेरी आँखों में है आँसू , ये आँसू पोछ दो कान्हाँ ये अविरल धार बन बहते , इन्हें तुम रोक दो कान्हाँ |
ज़माना चोट दे देकर , ' रुलाता जा रहा मुझको '-2 जमाने की निगाहों को , ज़रा तुम मोड़ दो कान्हाँ || १ ||
सम्हलना जो अगर चाहूँ , ' ज़माना मारता ठोकर '-2 गिरूँ जब ठोकरें खाकर , मुझे तुम थाम लो कान्हाँ || २ ||
" रवि " अब हो गया घायल , ' सहन शक्ति भी खोई है ' -2 मैं धीरज खो चला हूँ जी , करूँ क्या बोल दी कान्हाँ || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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