
धुन - झिलमिल झिलमिल चुनड़ी मं
सोना चाँदी हीरा मोती , की दरकार नहीं लेवो बलैया नज़र उतारो , क्या यह प्यार नहीं |
प्यार का भूखा है साँवरिया , हीरा मत चमका प्रेम भाव से ही साँवरिया , बन जाता सबका आडम्बर से जो रीझे वो , ये सरकार नहीं || १ ||
प्रेम भाव से एक बार , बस थूथकारा डारो बुरी नज़र सब कट जायेगी , बस नज़र वारो दिखलावे से अपना बनता लख दातार नहीं || २ ||
हिरे मोती सोना चाँदी , मन्दिर में जड़ दो कहे " रवि " भाव है भैया , यर व्यापार नहीं || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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