
धुन- अगर तुम ना होते
मुझे मेरी माँ का , सहारा ना मिलता ये जीवन हमारा , दुबारा ना खिलता |
श्वासों की सरगम , मध्यम हुई थी की जीने के आश , भी धूमिल हुई थी तेरे नाम का जो , सहारा ना मिलता || १ ||
रिश्तों की चौखट , पर ठोकर जो खाई अपने पराये की , समझ ही ना आई जमाने से ऐसा , तमाचा ना मिलता || २ ||
किस्मत की मौजों ने , किस्ती डुबोई सब कुछ लूटा तो , माँ तेरी याद आई यादों में तेरा , सहारा ना मिलता || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
0 Comments: