
धुन- आवाज दे के हमें तुम बुलाओ
आँखों से दिल में समाने लगा है
हमें श्याम अपना बनाने लगा है ||
सुनाई पड़े अब सदा नाम इसका
दिखाई पड़े हर घडी रूप इसका
ये लीला अनोखी दिखाने लगा है || १ ||
नहीं इसके बिन अब हमें कुछ सुहाये
जगत के ये सुख चैन हमको न भाये
यही बात हमें बस लुभाने लगा है || २ ||
करे क्या नहीं कुछ है वश मरीं हमारे
" रवि " अब हुए हम दीवाने बेचारे
लगन ये मिलन की जगाने लगा है || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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