
धुन-दिल लूटने वाले जादूगर
हे कलयुग के अवतारी तुम तो , कृष्ण कला के धारी हो
हे वीर बली बलकारी तुम तो , तीन बाण धारी हो |
तुम निर्बल को बल देते हो , तुम ही हारे के सहारे हो
तुम सच्चा न्याय चुकाते हो , तुम सबके पालनहारे हो
हे लख लख कर देने वाले , तुम साँचे लखदातारी हो || १ ||
जो तेरी शरण में आया है , तुमने उसको अपनाया है
वो तेरा ही बन बैठा है , ये कैसा जादू चलाया है
हे पाण्डव कुल के अवतारी , तुम देव बड़े चमत्कारी हो || २ ||
श्री कृष्ण नाम की महिमा से , तुमने गरिमा दिखलाई
" रवि " कहता तुमको सब पूजे , ये तेरी सक्लाई है
हे खाटू वाले श्याम प्रभु , तुम दुःखहारी सुखहारि हो || ३ ||
जय श्री राधे कृष्ण
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